You are welcome to this blog where you can find a cluster of stories and poems, in various languages spoken in the Indian Sub-continent including English, Hindi, Marathi, Rajasthani, and many more.
YouTube
Friday, 18 December 2020
दूसरो को ट्रुखत देख कर खुद भी त्रुखत हुए तरकभूषणजी
के सुप्रसिद्ध विद्वान श्री विश्वनाथ तक भूषण अत्यंत दयालु थे। दुखियों की मुक्त हस्त से सहायता करने और लोक कल्याण में जुटे रहने उनका स्वभाव था। इसी वजह से वे लोगों के बीच प्रसिद्ध थे। एक बार श्री भूषण गंभीर रूप से बीमार हो गए। बड़े-बड़े चिकित्सक आए किंतु तर्क भूषण जी को स्वस्थ नहीं कर पाए। फिर 1 दिन बाद चिकित्सक को उनके परिजन किसी अन्य शहर से लेकर आए। उन्होंने तर्क आभूषण की जांच की और दवा आदि का निर्धारण कर परिजनों को आदेश दिया कि रोगी को एक बूंद भी जल नहीं दे। जल देते हैं उनकी हालत और खराब हो जाएगी। लंबे समय तक तक भूषण को पानी नहीं दिया गया। कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक रहा फिर एक दिन उन्हें तीव्र प्यास लगी पूर्णविराम पानी दिया नहीं जा सकता था इसलिए वह घर के लोगों से बोले मैंने ग्रंथों मैं पढ़ा है और स्वयं भी दूसरों को उपदेश दिया है कि समस्त प्राणियों में एक ही आत्मा है आज मुझे इसका प्रत्यक्ष अनुभव करना है। ब्राह्मणों को यह बुलाओ और उन्हें मेरे सामने शरबत तरबूज का रस तथा हरे नारियल का पानी पिलाओ घर के लोगों ने तत्काल यही व्यवस्था कर दी। जब ब्राम्हण शरबत पीने लगे तो तर्कभूषण जी कि प्यास तत्काल मित गई और वे ठीक हो गए।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Strategic Alliances
Strategic Alliances - For any achievement gone need the right person on your team. Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...
-
नमस्ते दोस्तों। हाल फ़िलहाल में पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। भारत में तो लॉकडाउन के चलते सभी लोग घर पर ही ...
-
गम ने हसने न दिया , ज़माने ने रोने न दिया! इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! थक के जब सितारों से पनाह ली! नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया! ==...
-
Image Credit: theculturetrip.com मौका देने वाले को धोखा और धोखा देने वाले को मौका कभी भी नहीं देना चाहिए।। ======= बच्चा असफल हो जाये तो दु...
No comments:
Post a Comment