इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उसने एक अच्छी नौकरी की तलाश आरंभ की । अनेक प्रस्तावों के साथ ही उसने एक ऐसी कंपनी में अपना आवेदन दिया, जहां उसे काम सीखने और नई चीजें जानने का अच्छा मौका मिलने की उम्मीद थी। जब वह उस कंपनी के कार्यालय में गया तो उसे बताया गया कि वहां तो मात्र एक टाइपिस्ट की जगह खाली है। नौजवान के पास थी तो इंजीनियरिग की डिग्री, किंतु उसने भविष्य में बेहतर अवसरो की आशा में टाइपिस्ट की नौकरी करने के लिए तत्काल हां कर दी । उसे उसी दिन से काम करने को कहा गया, किंतु वह चार दिन बाद आने का वादा कर चला गया। चार दिन बाद जब उसने काम संभाला तो कंपनी के मेनेजर ने पूछा आप पहले तो तत्काल काम करने को आते थे, फिर चार दिन बाद क्यों आए? नौजवान ने उत्तर दिया मुझे टाइप करना अच्छी तरह नहीं आता था। अत: इन चार दिनों मे मैने टाइपिंग का अच्छा अभ्यास किसी इसलिए अब में यह काम करने में पूरी तरह सक्षम हू। अपने काम को तन्मयता व दक्षता से करने की इस आदत ने ही उस नौजवान अंतत: संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर पहुंचाया। उसका नाम था हरबर्ट क्लार्क हूबरा सार यह है कि सौंपे गए कार्य को मन की संपूर्ण लगन से करने पर उसके बेहतर परिणाम सामने आते हैं। अत: जो भी काम साथ में लें, उसे पूरी दक्षता के साथ करें।
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