यदि सब कुछ खोकर भी आपमें कुछ करने की हिम्मत बाकी है, तो समझ लीजिए आपने कुछ नही खोया रिश्ता, दोस्ती और प्रेम उसी के साथ रखना, जो आपकी हंसी के पीछे का दर्द, गुस्से के पीछे का प्यार और मौन के पीछे की वजह समझ सके|
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शब्दों का वज़न तो
बोलने वाले के भाव पर आधारित है
एक शब्द मन को दुखी कर जाता है
और दूसरा मन को खुश कर जाता है
क्योंकि हमारी वाणी ही हमारे व्यक्तिव
और आचरण का परिचय कराती है
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बोल से ज्यादा व्यक्तित्व का महत्व होता है, अर्थात हम कितने भी बड़े बोल क्यों न कहें, अगर हमारा व्यवहार , व्यक्तित्व प्रभावशाली नही , तो हमारे बोल का महत्व शून्य हो जाता हैं|
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संसार में दो प्रकार के पेड़ पौधे होते हैं|
प्रथम : अपना फल स्वयं दे देते हैं, जैसे - आम, अमरुद, केला इत्यादि
द्वितीय : अपना फल छिपाकर रखते हैं, जैसे - आलू, अदरक, प्याज इत्यादि
जो अपना फल अपने आप दे देते हैं, उन वृक्षों को सभी खाद-पानी देकर सुरक्षित रखते हैं, किन्तु जो अपना फल छिपाकर रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते हैं| ठीक इसी प्रकार जो व्यक्ति अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वयं ही समाज सेवा में समाज के उत्थान में लगा देते हैं, उनका सभी ध्यान रखते हैं अर्थात् मान-सम्मान देते है। वही दूसरी ओर जो अपनी विद्या, धन, शक्ति स्वार्थवश छिपाकर रखते हैं, किसी की सहायता से मुख मोड़े रखते है, वे जड़ सहित खोद लिए जाते है अर्थात् समय रहते ही भुला दिये जाते है।
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मैं कैसी हूँ? मुझे नहीं मालूम। लेकिन मुझे मिला हुआ हर व्यक्ति, बहुत ही अच्छा है, मै उनका ह्रदय से सम्मान करती हूँ|
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गुस्सा अकेला आता हैं, मगर हमसे सारी अच्छाई ले जाता हैं।
सब्र भी अकेला आता हैं, मगर हमें सारी अच्छाई दे जाता हैं I
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परिस्थितियाँ जब विपरीत होती है, तब व्यक्ति का प्रभाव और पैसा नहीं स्वभाव और सम्बंध काम आते है।
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जो ईश्वर के सामने झुकता है ईश्वर उसे किसी के सामने झुकने नही देता!
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दूसरों को सहयोग देना ही उन्हें अपना सहयोगी बनाना है!
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