तुम्हारी मोहब्बत की बाजी को यार मान गये
खुद तो वादों से बँधे नहीं हमें यादों से बाँध गये
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वो मोहब्बतें जो तुम्हारे दिल में हैं,
उससे जुबां पर लाओ और बयां कर दो,
आज बस तुम कहो और कहते ही जाओ,
हम बस सुनें ऐसे बे-ज़ुबान कर दो.
ग़र लगता है तुम्हें, गलत हूँ मैं,
तो सही हो तुम, थोड़ा अलग हूँ मैं
मिलने की मोहब्बत में क्या रखा है,
मजा तो बिछडने के बाद आता है..
मैं आयी हूँ यहाँ पर तेरे लिए
और तू बनाया गया है मेरे लिए
बार बार एक ही गुनाह करता हूँ
हर सजदे में उसे ही याद करता हूँ
पता है मुझे वो नहीं बनी है मेरे लिए ,
फिर भी प्यार उससे बेशुमार करता हूँ
तेरी मोहब्बत में गिरफ्तार हो गया.
ना जाने कियों तुम से प्यार हो गया.
कोई है दिल जो धड़कता है मेरे लिए,
उस धड़कन पे मैं निस्सार हो गया.
मैं "शायद" हूँ शायद तेरे लिए
पर यकीन मान तू "यकीन" है मेरे लिए…
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