YouTube

Friday 10 July 2020

दुखी मछवारे को महात्मा ने बताया सच का रहस्य समझाया महात्मा ने

एक गरीब मछुआरा तड़के ही नदी और जान लेकर जा रहा था पूर्णविराम नदी के पास पहुंचने पर उसे आराम हुआ कि चारों और कुछ ज्यादा ही अंधकार फैला हुआ है। समय गुजारने के लिए वह नदी तट पर टहलने लगा। तभी उसका पर एक झूले पर पड़ा झूले मैं पत्थर भरे थे। मछुआरा यूं ही एक एक पत्थर निकाल कर नदी में फेंकने लगा। जब अंतिम पत्थर उसके हाथ में था तब तक सूर्य की किरणें धरती पर फैल चुकी थी। सूर्य के प्रकाश में उसने देखा कि उसके हाथ में रखा पत्थर बहुत तेज चमक रहा है। उसने ध्यान से देखा तब उसकी समझ में आया कि यह तो हीरा है वह फूट-फूट कर रोने लगा। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि उसने अपने हाथों से इतने कीमती हीरे नदी में फेंक दी थी पूर्णविराम तभी वहां से एक महात्मा गुजरे। उसका दुख जाने के बाद वे बोले बेटा तुम्हें तो प्रसन्न होना चाहिए अंतिम हीरा फेंकने के पूर्व ही सूर्य की रोशनी फूट पड़ी वरना यह हीरा भी तुम्हारे हाथ से निकल जाता। यह एक हीरा भी अत्यंत मूल्यवान है। तुम इसे बेचकर संपन्न बन सकते हो। वैसे भी जो चीज हाथ से निकल गई उसे लेकर रोने के स्थान पर जो तुम्हारे पास है उसकी खुशी मनानी चाहिए। महात्मा की बात मछुआरे की समझ में आए गई और वह खुशी-खुशी घर लौट गया। 

No comments:

Post a Comment

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...