समता ही परमेश्वर है। - विनोबा
मनुष्य कर्म से ही ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र कहलाता है। - महावीर
अकृतज्ञता मानवता के प्रति विश्वासघात है। - टॉमसन
करोड़ ज्ञानियों का एक विकल्प होता है और एक अज्ञानी करोड़ विकल्प। - राजचन्द्र
अतिथिदेव का अर्थ है - समाज-देवता। - विनोबा
अतिथि समाज की व्यक्त मुर्ती है। - विनोबा
अतिथि-सत्कार से मनुष्य देवत्व को प्राप्त होता है। - बाइबल
संसार में सबसे बड़े अधिकार सेवा और त्याग से मिलते है। - प्रेमचंद
अनुकरण पूर्ण निष्कपट चापलूसी है। - कोल्टन
जिव्हा के बिना भी अपराध बोलेगा। - शेक्सपियर
अपराधी मन बिच्छुओं से भरा होता है। - शेक्सपियर
अंततक पढ़ने के लिए धन्यवाद। कृपया इस ब्लॉग फॉलो और शेयर करे।
मनुष्य कर्म से ही ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र कहलाता है। - महावीर
अकृतज्ञता मानवता के प्रति विश्वासघात है। - टॉमसन
करोड़ ज्ञानियों का एक विकल्प होता है और एक अज्ञानी करोड़ विकल्प। - राजचन्द्र
अतिथिदेव का अर्थ है - समाज-देवता। - विनोबा
अतिथि समाज की व्यक्त मुर्ती है। - विनोबा
अतिथि-सत्कार से मनुष्य देवत्व को प्राप्त होता है। - बाइबल
संसार में सबसे बड़े अधिकार सेवा और त्याग से मिलते है। - प्रेमचंद
अनुकरण पूर्ण निष्कपट चापलूसी है। - कोल्टन
जिव्हा के बिना भी अपराध बोलेगा। - शेक्सपियर
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