मत रख हमसे वफा कि उम्मीद,
हमने हर दम बेवफाई पाई हे.
मत धुंढ हमारे जिस्म पे ज़ख्मो के निशान,
हम ने हर चोट दिल पे खाई हे.
======Image Credit: www.ancient-symbols.com
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हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम।
=====मुझे यकीन है मोहब्बत उसी को कहते हैं,
कि जख्म ताज़ा रहे और निशान चला जाये।
=====समय बहाकर ले जाता है नाम और निशान
कोई हम में रह जाता है कोई अहम में रह जाता है..
बोल मीठे ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती
घर बड़ा हो या छोटा, अगर मिठास ना होंतो इंसान क्या चींटियां भी नहीं आती.!
=====सफ़र की हद है वहां तक की कुछ निशान रहे
चले चलो की जहाँ तक ये आसमान रहे
ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे
======दिलों की इमारतों में बंदगी का नामो निशान नहीं.
और इंटो की मस्जिदों और मंदिरो में खुदा ढूँढते है लोग.
=====मिलो किसी से ऐसे कि ज़िन्दगी भर की पहचान बन जाये,
पड़े कदम जमीं पर ऐसे कि लोगों के दिल पर निशान बन जाये..
जीने को तो ज़िन्दगी यहां हर कोई जी लेता है, लेकिन
जीयो ज़िन्दगी ऐसे कि औरों के लब की मुस्कान बन जाये
======अक्सर ठहर कर देखता हूँ मैं अपने पैरो के निशान
वो भी अधूरे लगते है तेरे साथ के बिना
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