तुम्हारी आवाज़ सुनने को हर पल बेक़रार रहता हूँ,
नहीं करूँगा याद तुम्हें मैं खुद से हर बार कहता हूँ
=====क्यूँ कर रहे हो भला तुम बगावत खुद से,
मान क्यों नहीं लेते की तुम्हे भी है मोहब्बत मुझसे
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कुछ यूँ उतर गए हो मेरी रग-रग में तुम,
कि खुद से पहले एहसास तुम्हारा होता है।
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खुद को भी कभी महसूस कर लिया करो,
कुछ रौनकें खुद से भी हुआ करती हैं।
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कितने गजब अहसास है मेरे महबूब के रूबरू,
खुद से ही दिल की बात कही और खुद ही खुश हो लिये !
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न वो सपना देखो जो टूट जाये,
न वो हाथ थामो जो छूट जाये,
मत आने दो किसी को करीब इतना,
कि उसके दूर जाने से इंसान खुद से रूठ जाये।
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न चादर बड़ी कीजिये, न ख्वाहिशें दफन कीजिये,
चार दिन की ज़िन्दगी है, बस चैन से बसर कीजिये...
न परेशान किसी को कीजिये, न हैरान किसी को कीजिये,
कोई लाख गलत भी बोले, बस मुस्कुरा कर छोड़ दीजिये...
न रूठा किसी से कीजिये, न झूठा वादा किसी से कीजिये,
कुछ फुरसत के पल निकालिये, कभी खुद से भी मिला कीजिये...
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