ठण्डा चूल्हा देखकर रात गुजारी उस गरीब ने,
कमबख्त आग थी की पेट में रात भर जलती रही
=====तुम्हारे पास रहने के लिए जगह नहीं है क्या
जो हर रात मेरी आँखों में उतर आते हैं
=====दिल की किताब में गुलाब उनका था;
रात की नींद में एक ख्वाब उनका था;
है कितना प्यार हमसे जब यह हमने पूछ लिया;
मर जायेंगे बिन तेरे यह जवाब उनका था।
=====रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!
=====फिर तेरा चर्चा हुआ, आँखें हमारी नम हुई,
धड़कने फिर बढ़ गई, साँस फिर बेदम हुई,
चांदनी की रात थी, तारों का पहरा भी था,
इसलिए ही शायद गम की आतिशबाजी कम हुई
=====रात गुज़र जायेगी बहते हुए पानी की तरह
तुम कलाई से बंधे वक्त को देखा ना करो
=====जिन्हें फ़िक़र थी कल की वे रोए रात भर
जिन्हें यकीन था रब पर वे सोए रात भर.
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मैं राज़ तुझसे कहूँ, हमराज़ बन जा ज़रा.
रात को जब सब सो जाएँ, तू सपनों में मिलने आ ज़रा…
=====कितनी फ़िक्र है कुदरत को मेरी तन्हाई की,
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिए।
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जिंदगी तो पूर्णिमा रात और प्रभात है
सुखी दुखी बनाना अपने हाथ की बात है
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Image Credit: iso.500px.com
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लगता है मेरी नींद का किसी के साथ चक्कर चल रहा है !
कम्बख्त पुरी रात पता नही कहा गायब रहती है
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रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर,
किताब सीने पे रखकर सोये हूए एक जमाना हो गया..
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तुमने कहा था हर रात तुम्हारा हाल पूछा करेंगे
तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में रात नहीं होती
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सुनो जी कोई सजा सुनानी है तो सुना सकते हो..
गुस्ताख आंखो ने आज रात फिर तेरे ख्वाब देखे है
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रात आती है तेरी याद चली आती है
किस शहर से तेरी आवाज चली आती है
चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन
तेरी ये आग मुझसे न सही जाता है
दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें
मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है
हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में
आईना देखकर अब रात कटी जाती है
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सूरज के सामने रात नहीं होती,
सितारों से दिल की बात नहीं होती.
जिन दोस्तों को हम दिलसे चाहते है,
न जाने क्यों उनसे रोज़ मुलाकात नहीं होती.
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ख़ूबसूरत हैं आंखें तेरी, रात को जागना छोड़ दे
खुद-बखुद नींद आ जाएगी, तू मुझे सोचना छोड़ दे
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जिस दिन सपनो में उनका दीदार हो जाता है,
उस रात सोना दुस्वार हो जाता है,
मरता हे कोई हम पर भी,
ये सोच कर अपने आप से प्यार हो जाता है..
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एक आधा बुझा दिल , मिलता है आधी जली रात से,
और वो कहते हैं , क्या खुबसूरत शाम है.
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