YouTube

Monday 10 February 2020

गिनती - हिसाब


ना महीनों की गिनती, ना जन्मों का हिसाब हैं
प्रीत आज भी तुझसे, बेइंतहा, बेहिसाब हैं
=======

पुछा उसने मुझसे कितना प्यार करते हो इस जहाँ में .!!
मै चुप रहा यारो क्योंकि मुझे तारो की गिनती नही आती..!
=======

गिनती में ज़रा से कमज़ोर हैँ हम,
ज़ख्म यूँ बे हिसाब ना दिया करो..
=======
Image result for shayari गिनती
Image Credit: harmonyshayri.com/

=======

बस इतनी सी बात पे दुनिया गिनती है नादानों में ,
प्यार की गर्मी ढूंढ रहा हूँ , बर्फीली चट्टानों में....
=======

हिसाब तो रखा नहीं कि कितना अरसा बीत गया
कुछ मुलाकातें ऐसे याद आतीं हैं जैसे अभी कल की ही बात हो
==========
हिसाब बराबर करने का, बड़ा शौक़ रखते हो न तुम,
देखो मैंने याद किया है तुम्हे लो, अब तुम्हारी बारी
==========
ज़ुबाँ तो खोल, नज़र तो मिला, जवाब तो दे
में कितनी बार लूटा हूँ मुझे हिसाब तो दे
तेरे बदन की लिखावट में है उतार चढ़ाव
में तुझ को कैसे पढूंगा मुझे किताब तो दे
========

तू छोड़ दे कोशिशें इन्सानों को पहचानने की...!
यहाँ जरुरतों के हिसाब से सब नकाब बदलते हैं...!
=======

अक्सर उनका चेहरा गुलाब से मिलता है
दूर रहकर बड़ी चोट करनी मुश्किल है
उससे होशियार जो आके गले मिलता है
कटोरे मे कुछ नहीं तिजोरी मे और और
न जाने यहाँ किस हिसाब से मिलता है
=======

बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे;
शमशान में पिया करूंगा;
जब खुदा मांगेगा हिसाब;
तो पैग बना कर दिया करूंगा।
=======

कुछ ना किया मगर वो दर्द बेहिसाब दे गये...!
देखो ना! मुझ अनपढ को .... मोहब्बत की किताब दे गये ......
=======

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है;
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है;
महबूब आये या न आये;
पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!
=======

वार दिल पर जालीम बे-हिसाब करती है,
वोह बिखरा कर जुल्फें, हिजाब करती है
======

लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी;
ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी;
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी;
इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी।
=======

No comments:

Post a Comment

Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...