बहुतही सुंदर लाइन्स है। किसने लिखी पता नही। पर आप जरूर पढिये।
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
सपने जले तो क्या किया जाए...
सपने जले तो क्या किया जाए...
आसमान बरसे तो छाता ले सकते हैं,
आँख बरसे तो क्या किया जाए...
आँख बरसे तो क्या किया जाए...
शेर दहाड़े तो भाग सकते हैं,
अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...
अहंकार दहाड़े तो क्या किया जाए...
काँटा चुभे तो निकाल सकते हैं,
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...
कोई बात चुभे तो क्या किया जाए...
दर्द हो तो दवा ले सकते हैं,
वेदना हो तो क्या किया जाये...
वेदना हो तो क्या किया जाये...
अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। ऐसेही और कविताओं के लिए ये ब्लॉग शेयर करें।
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