नैय्या ले चल पलडी पार; कन्हैया ले चल पलडी पार ।
जहॉ बिराजे राधा रानी, अलबेली सरकार कन्हैया ले चल...
१ गुण-अवगुण सब तेरे अर्पण, पाप पुण्य सब तेरे अर्पण ।
यह जीवन भी तेरे अर्पण, मै तेरे चरणों की दासी मेरे प्राण आधार, कन्हैया . .
२ तेरी आस लगा बैठी हुँ, अखियाँ खुब थका बैठी
हुँ अपना आप लुटा बैठी हूँ, सावरिया मैं तेरी रागिनी तूमेरा मल्हार
कन्हैया ले चल....
३ तेरे बिन कुछ चाह नही है, कोई सूझती राह नही है ।
जग की कोई परवाह नही है । मेरे प्रीतम मेरे मांझी करदो
भव से पार, कन्हैया .....
४ आनद' फुल यहॉ बरस रहा पत्ता पत्ता तरस रहा है ।
फूल फूल यहॉ महक रहा है, बहुत हुआ
अब हार गई मैं करदो भव से पार
कन्हैया ले चल पलडी पार...
सावरिया ले चल पलडी पार...
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