जिस हाल में, जिस देश में, जिस वेश में रहो
राधारमण राधारमण राधारमण कहो।।ध्रु।।
जिस काम में, जिस धाम में, जिस नाम में, रहो राधा रमण कहो ।।१।।
संसार में, परिवार में, घरबार में, रहो
राधा रमण कहो ।।२।।
जिस रंग में, जिस ढंग में, जिस संग में, रहो
राधा रमण कहो ।।३।।
जिस देह में, जिस गेह में, जिस स्नेह में रहो
राधा रमण कहो ।।४।।
जिस राग में, अनुराग में, वैराग में रहो
राधा रमण कहो ।।५।।
जिस मान में, सम्मान में, अपमान में रहो
राधा रमण कहो ।।६।।
जिस योग में, जिस भोग में, जिस रोग में रहो
राधा रमण कहो ।।७।।
इहलोक में, परलोक में, गोलोक में रहो
राधा रमण कहो ।।८।।
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