1====
रास्ते पर कंकड़ ही कंकड़ हो तो भी एक अच्छा जूता पहनकर उस पर चला जा सकता है..
लेकिन यदि एक अच्छे जूते के अंदर एक भी कंकड़ हो तो एक अच्छी सड़क पर भी कुछ कदम भी चलना मुश्किल है ।।
यानी - "बाहर की चुनौतियों से नहीं हम अपनी अंदर की कमजोरियों से हारते हैं "
2===
ग़लतियों से जुदा तू भी नही, मैं भी नही,
दोनो इंसान हैं, खुदा तू भी नही, मैं भी नही
" तू मुझे ओर मैं तुझे इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता तू भी नही, मैं भी नही
" ग़लत फ़हमियों ने कर दी दोनो मैं पैदा दूरियाँ,
वरना फितरत का बुरा तू भी नही, मैं भी नही...!!
3===
हँसकर जीना दस्तूर है ज़िंदगी का;
एक यही किस्सा मशहूर है ज़िंदगी का;
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते;
यही सबसे बड़ा कसूर है ज़िंदगी का।
4===
जिंदगी के हर पल को ख़ुशी से बैठाओ;
रोने का टाइम कहां, सिर्फ मुस्कुराओ;
चाहे ये दुनिया कहे पागल आवारा;
बस याद रखना "जिंदगी ना मिलेगी दोबारा"।
5===
"इलाईची के दानों सा, मुक़द्दर है अपना...!
महक उतनी ही बिखरी ... जितने पीसे गए"..!!
6===
किसी के दर्द की दवा बनने की कोशिश करो, जख्म तो कोई भी दे सकता है...
7===
तलाश में बीत गई सारीज़िन्दगी ए दिल,
अब समझा कि खुद से बड़ा कोई हमसफ़र नहीं होता...
8===
हमारा व्यवहार गणित के शून्य की तरह होना चाहिये, जो स्वयं में तो कोई कीमत नहीं, लेकिन दूसरो के साथ जुड़ने पर उसकी कीमत बढा देता है।
9===
किसी से इतनी शिकायते भी ना करो, वो शख्स शिकायते दूर करने की जगह खुद ही दूर हो जाये...!
10====
यार से ऐसी यारी रख दुःख में भागीदारी रख,
चाहे लोग कहे कुछ भी तू तो जिम्मेदारी रख,
वक्त पड़े काम आने का पहले अपनी बारी रख,
मुसीबते तो आएगी पूरी अब तैयारी रख,
कामयाबी मिले ना मिले जंग हौंसलों की जारी रख,
बोझ लगेंगे सब हल्के मन को मत भारी रख,
मन जीता तो जग जीता कायम अपनी खुद्दारी रख.
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