ॐ श्री राणीसत्यै नमः
गुँजें गुँजें रे मैया को दरबार,
भक्त गावै रलमिल के ...|| टेर ||
मोरियो भी गावे, पपीहरो भी गावै
बोले मीठा बोल, सारा भजन सुनावे
होवे-होवे रे, मैया की जय-जयकार...||
भक्त गावै रलमिल के ...||
गुँजें - गुँजें रे ...|| १ ||
शुभ घड़ियाँ में, द्वार सजाया
आयी म्हारी मैया म्हें तो, फुल्साँ ना समाया
म्हाने घणो ही, सुहायो सिणगार...||
भक्त गावै रलमिल के ...||
गुँजें - गुँजें रे ...|| २ ||
ढोल मृदंग ने, ताल सुनाई
गुंज उठी म्हारै, द्वारै शहनाई
देखो हो रह्या मंगलाचार...||
भक्त गावै रलमिल के ...||
गुँजें - गुँजें रे ...|| ३ ||
घणाँ ही दिनाँ को, सुपनो यो म्हारो
आज हुयो, आँगण उजियारो
म्हारी मैया जी, पधारयाँ म्हारै द्वार...||
भक्त गावै रलमिल के ...||
गुँजें - गुँजें रे ...|| ४ ||
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