रचनाकार-गौरव चौहान इटावा उ प्र 9557062060
धर्म सनातन के वैभव की माटी का संताप सुनो,
वेद पुराणों की पावन परिपाटी का संताप सुनो,
हम अतीत के अपमानों को झेले कितनी बार सुनो,
दुष्ट हमारी परम्परा से खेले कितनी बार सुनो,
भारत के बेटे"कलाम"की तुलना है हत्यारों से,
औरंगजेब बधाई पाता देखो चार मिनारों से,
पूछ रहा हूँ ओवैसी से,ये कैसी तस्वीर हुयी,
राम कृष्ण की धरती कैसे बाबर की जागीर हुयी,
भारत का गौरव देखा क्यों शाहजहाँ के बेटों में,
क्यों कलाम का नाम देखकर दर्द हुआ पेटों में,
जिस कलाम से बेटे का पूरा भारत आभारी है,
उस कलाम के आगे तेरा औरंगजेब भिखारी है,
औरंगजेबी कद,कलाम से बड़ा नही हो सकता है,
इस कलाम के आगे कोई खड़ा नही हो सकता है,
तू भारत से वफ़ा करेगा,ऐसी तेरी जात नहीं,
तू कलाम को तौले,तेरी ऐसी भी औकात नही,
बहुत गलतियां कर बैठी थी,दिल्ली अब नादान नही,
उसका नाम मिटा देंगे जो भारत की पहचान नही,
गुरु गोविन्द सिंह के बेटों को ज़िंदा चुनवाया था,
जिसने हिन्दू के माथे पर जजिया कर लगवाया था,
जिसने वृन्दावन जाने के पैसे बहुत वसूले थे,
जिसके कारण तेग बहादुर फांसी फंदा झूले थे,
जिसने काश्मीर के पंडित तड़प तड़प मरवाये थे,
और हिंदुओं के वंशो के खतने तक करवाये थे,
जिसने तलवारों के नीचे तिलक जनेऊ तोड़े थे,
राम राम कहने वालो के तन पर मारे कोड़े थे,
जिसने मथुरा काशी के देवालय को दी गाली थी,
और गाय माता के वध की खुली छूट दे डाली थी,
वो कातिल कोई महान सुलतान नही हो सकता है,
भारत का दुश्मन,भारत की शान नही हो सकता है,
गलत लिखे इतिहासों के पन्नों में आग लगाएंगे,
जो भारत के असली गौरव हैं उनको लौटायेंगे,
ये गौरव् चौहान कहे,बदलावों की तैयारी है,
एक रोड बदली है,आगे ताजमहल की बारी है,
....(कृपया मूलरूप में ही शेयर करें...)
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