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Tuesday 25 November 2014

श्री मद्-भगवत गीता

"श्री मद्-भगवत गीता" के बारे में-
प्र. किसको किसने सुनाई?
उ. श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सुनाई।

प्र.  कब सुनाई?
उ. आज से लगभग 7 हज़ार साल पहले सुनाई।

प्र. भगवान ने किस दिन गीता सुनाई?
उ. रविवार के दिन।

प्र. कोनसी तिथि को?
उ. एकादशी

प्र. कहा सुनाई?
उ. कुरुक्षेत्र की रणभूमि में।

प्र. कितनी देर में सुनाई?
उ. लगभग 45 मिनट में

प्र.  क्यू सुनाई?
उ. कर्त्तव्य से भटके हुए अर्जुन को कर्त्तव्य सिखाने के लिए और आने वाली पीढियों को धर्म-ज्ञान सिखाने के लिए।

प्र. कितने अध्याय है?
उ. कुल 18 अध्याय

प्र. कितने श्लोक है?
उ. 700 श्लोक

प्र. गीता में क्या-क्या बताया गया है?
उ. ज्ञान-भक्ति-कर्म योग मार्गो की विस्तृत व्याख्या की गयी है, इन मार्गो पर चलने से व्यक्ति निश्चित ही परमपद का अधिकारी बन जाता है।

प्र. गीता को अर्जुन के अलावा और किन किन लोगो ने सुना?
उ. बर्बरीक (खाटू शामजी), धृतराष्ट्र एवं संजय ने

प्र. अर्जुन से पहले गीता का पावन ज्ञान किन्हें मिला था?
उ. भगवान सूर्यदेव को

प्र. गीता की गिनती किन धर्म-ग्रंथो में आती है?
उ. उपनिषदों में

प्र. गीता किस महाग्रंथ का भाग है....?
उ. गीता महाभारत के एक अध्याय शांति-पर्व का एक हिस्सा है।

प्र. गीता का दूसरा नाम क्या है?
उ. गीतोपनिषद

प्र. गीता का सार क्या है?
उ.- प्रभु श्रीकृष्ण की शरण लेना। जो भी कर्म किया है उसे ईश्वर के चरणों में अर्पण करना तथा निष्काम (फल की अपेक्षा न रखते हुए) कर्म करना। 

प्र. गीता में किसने कितने श्लोक कहे है?
उ. श्रीकृष्ण ने- 574, अर्जुन ने- 85, धृतराष्ट्र ने- 1, संजय ने- 40.

अपनी युवा-पीढ़ी को गीता जी के बारे में जानकारी पहुचाने हेतु इसे ज्यादा से ज्यादा शेअर करे। धन्यवाद

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कमी में भी गुण देखना


बहुत  समय  पहले  की  बात  है  , किसी  गाँव  में  एक   किसान  रहता  था . वह  रोज़   भोर  में  उठकर  दूर  झरनों  से  स्वच्छ  पानी  लेने  जाया   करता  था . इस  काम  के  लिए  वह  अपने  साथ  दो  बड़े  घड़े  ले  जाता  था , जिन्हें  वो  डंडे  में   बाँध  कर  अपने कंधे पर  दोनों  ओर  लटका  लेता  था .

उनमे  से  एक  घड़ा  कहीं  से  फूटा  हुआ  था  ,और  दूसरा  एक  दम  सही  था . इस  वजह  से  रोज़  घर  पहुँचते -पहुचते  किसान  के  पास  डेढ़  घड़ा   पानी  ही बच  पाता  था .ऐसा  दो  सालों  से  चल  रहा  था .

सही  घड़े  को  इस  बात  का  घमंड  था  कि  वो  पूरा  का  पूरा  पानी  घर  पहुंचता  है  और  उसके  अन्दर  कोई  कमी  नहीं  है  , 

वहीँ  दूसरी  तरफ  फूटा  घड़ा  इस  बात  से  शर्मिंदा  रहता  था  कि  वो  आधा  पानी  ही  घर  तक  पंहुचा   पाता  है  और  किसान  की  मेहनत  बेकार  चली  जाती  है .   फूटा घड़ा ये  सब  सोच  कर  बहुत  परेशान  रहने  लगा  और  एक  दिन  उससे  रहा  नहीं  गया , उसने  किसान   से  कहा , “ मैं  खुद  पर  शर्मिंदा  हूँ  और  आपसे  क्षमा  मांगना  चाहता  हूँ ?”

“क्यों  ? “ , किसान  ने  पूछा  , “ तुम  किस  बात  से  शर्मिंदा  हो ?”

“शायद  आप  नहीं  जानते  पर  मैं  एक  जगह  से  फूटा  हुआ  हूँ , और  पिछले  दो  सालों  से  मुझे  जितना  पानी  घर  पहुँचाना  चाहिए  था  बस  उसका  आधा  ही  पहुंचा  पाया  हूँ , मेरे  अन्दर  ये  बहुत बड़ी  कमी  है , और  इस  वजह  से  आपकी  मेहनत  बर्वाद  होती  रही  है .”, फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा.

किसान  को  घड़े  की  बात  सुनकर  थोडा  दुःख  हुआ  और  वह  बोला , “ कोई  बात  नहीं , मैं  चाहता  हूँ  कि  आज  लौटते  वक़्त  तुम   रास्ते में  पड़ने  वाले  सुन्दर  फूलों  को  देखो .”

घड़े  ने  वैसा  ही  किया , वह  रास्ते  भर  सुन्दर  फूलों  को  देखता  आया , ऐसा करने से  उसकी  उदासी  कुछ  दूर  हुई  पर  घर  पहुँचते – पहुँचते   फिर  उसके  अन्दर  से  आधा  पानी  गिर  चुका  था, वो  मायूस  हो  गया  और   किसान  से  क्षमा  मांगने  लगा .

किसान  बोला ,” शायद  तुमने  ध्यान  नहीं  दिया  पूरे  रास्ते  में  जितने   भी  फूल  थे  वो  बस  तुम्हारी  तरफ  ही  थे , सही  घड़े  की  तरफ  एक  भी  फूल  नहीं  था . ऐसा  इसलिए  क्योंकि  मैं  हमेशा  से  तुम्हारे  अन्दर  की  कमी को   जानता  था , और  मैंने  उसका  लाभ  उठाया . मैंने  तुम्हारे  तरफ  वाले  रास्ते  पर   रंग -बिरंगे  फूलों के  बीज  बो  दिए  थे  , तुम  रोज़  थोडा-थोडा  कर  के  उन्हें  सींचते  रहे  और  पूरे  रास्ते  को  इतना  खूबसूरत  बना  दिया . आज तुम्हारी  वजह  से  ही  मैं  इन  फूलों  को  भगवान  को  अर्पित  कर  पाता  हूँ  और   अपना  घर  सुन्दर  बना  पाता  हूँ . तुम्ही  सोचो  अगर  तुम  जैसे  हो  वैसे  नहीं  होते  तो  भला  क्या  मैं  ये  सब  कुछ  कर  पाता ?”

दोस्तों  हम  सभी  के  अन्दर  कोई  ना  कोई  कमी होती है  ,  पर यही कमियां हमें अनोखा  बनाती हैं . उस किसान की  तरह  हमें  भी  हर  किसी  को  वो  जैसा  है  वैसे  ही स्वीकारना चाहिए  और  उसकी  अच्छाई  की  तरफ  ध्यान  देना  चाहिए, और जब हम ऐसा करेंगे तब “फूटा घड़ा” भी “अच्छे घड़े” से मूल्यवान हो जायेगा.
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मित्रता

एक बहुत बड़ा सरोवर था। उसके तट पर मोर रहता था, और वहीं पास एक मोरनी भी रहती थी। एक दिन मोर
ने मोरनी से प्रस्ताव रखा कि- "हम तुम विवाह कर लें, तो कैसा अच्छा रहे?"

मोरनी ने पूछा- "तुम्हारे मित्र कितने है ?"

मोर ने कहा उसका कोई मित्र नहीं है। तो मोरनी ने विवाह से इनकार कर दिया। मोर सोचने लगा सुखपूर्वक रहने के लिए मित्र बनाना भी आवश्यक है। उसने एक सिंह से, एक कछुए से, और सिंह के लिए शिकार का पता लगाने वाली टिटहरी से, दोस्ती कर लीं। 

जब उसने यह समाचार मोरनी को सुनाया, तो वह तुरंत विवाह के लिए तैयार हो गई। पेड़ पर घोंसला बनाया और उसमें अंडे दिए, और भी कितने ही पक्षी उस पेड़ पर रहते थे।

एक दिन शिकारी आए। दिन भर कहीं शिकार न मिला तो वे उसी पेड़ की छाया में ठहर गए और सोचने लगे, पेड़ पर चढ़कर अंडे- बच्चों से भूख बुझाई जाए। 

मोर दंपत्ति को भारी चिंता हुई, मोर मित्रों के पास सहायता के लिए दौड़ा। 

बस फिर क्या था, टिटहरी ने जोर- जोर से चिल्लाना शुरू किया। सिंह समझ गया, कोई शिकार है। वह उसी पेड़ के नीचे चला, जहाँ शिकारी बैठे थे। 

इतने में कछुआ भी पानी से निकलकर बाहर आ गया। सिंह से डरकर भागते हुए शिकारियों ने कछुए को ले चलने की बात सोची। जैसे ही हाथ बढ़ाया कछुआ पानी में खिसक गया। शिकारियों के पैर दलदल में फँस गए।

इतने में सिंह आ पहुँचा और उन्हें ठिकाने लगा दिया।

मोरनी ने कहा- "मैंने विवाह से पूर्व मित्रों की संख्या पूछी थी, सो बात काम की निकली न, यदि मित्र न होते, तो आज हम सबकी खैर न थी।”

अगर मित्रता सोच-समझ कर की जाय तो मित्रता सभी रिश्तों में अनोखा और आदर्श रिश्ता होता है। और मित्र
किसी भी व्यक्ति की अनमोल पूँजी होते हैं। इसलिए मित्रों जीवन में मित्र बहुत किस्मत से मिलते हैं तो मिलते रहो और सुख दुःख में साथ निभाते रहो।
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Performance counts

A Priest dies & is waiting in line at heavens gate.
Ahead of him is a guy, fashionably dressed, in dark sun glasses, a loud shirt, leather jacket & jeans.
God to the guy : Who are you ?
Guy : I am Express Bus driver from Udupi.
God : Take this gold robe & enter kingdom of heaven.
God to the Priest : Who are  you?
Priest : I am a priest & spent 40 years preaching good to people.
God : Take this cotton robe and enter heaven.
Priest : God, how come that foul mouthed, rash driver gets a gold & I spent all my life preaching good get cotton.
God : Results, my son, results.

While you preached, people slept, when he drove, people really prayed...
“Its Performance, not Position that Counts.!!”
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Strategic Alliances

  Strategic Alliances -  For any achievement gone need the right person on your team.  Sugriv was very keen on this. Very first Sugriva was ...