जय माता दी! नवरात्र हो या कोई भी दिन माता की भक्ति मन को शांति ही देती है| इसके लिए अम्बे माँ की आरती खास आपके लिए| खुद पढ़िए, गाइए - मन को आनंद मिलेगा|
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी तुम को निस दिन ध्यावत
मैयाजी को निस
दिन
ध्यावत
हरि
ब्रह्मा
शिवजी
।| जय अम्बे
गौरी
॥
माँग सिन्दूर विराजत
टीको
मृग
मद को |मैया टीको
मृगमद
को
उज्ज्वल से दो नैना
चन्द्रवदन नीको|| जय अम्बे
गौरी
॥
कनक समान कलेवर
रक्ताम्बर साजे| मैया
रक्ताम्बर साजे
रक्त पुष्प गले
माला
कण्ठ
हार
साजे||
जय अम्बे
गौरी
॥
केहरि वाहन राजत
खड्ग
कृपाण
धारी| मैया
खड्ग
कृपाण
धारी
सुर नर मुनि
जन सेवत
तिनके
दुख
हारी||
जय अम्बे
गौरी
॥
कानन कुण्डल शोभित
नासाग्रे मोती| मैया
नासाग्रे मोती
कोटिक चन्द्र दिवाकर
सम राजत
ज्योति||
जय अम्बे
गौरी
॥
शम्भु निशम्भु बिडारे
महिषासुर घाती| मैया
महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना
निशदिन
मदमाती||
जय अम्बे
गौरी
॥
चण्ड मुण्ड शोणित
बीज
हरे| मैया
शोणित
बीज
हरे
मधु कैटभ दोउ
मारे
सुर
भयहीन
करे||
जय अम्बे
गौरी
॥
ब्रह्माणी रुद्राणी तुम
कमला
रानी| मैया
तुम
कमला
रानी
आगम निगम बखानी
तुम
शिव
पटरानी||
जय अम्बे
गौरी
॥
चौंसठ योगिन गावत
नृत्य
करत
भैरों| मैया
नृत्य
करत
भैरों
बाजत ताल मृदंग
और बाजत
डमरू||
जय अम्बे
गौरी
॥
तुम हो जग की माता
तुम
ही हो भर्ता| मैया
तुम
ही हो भर्ता
भक्तन की दुख
हर्ता
सुख
सम्पति
कर्ता||
जय अम्बे
गौरी
॥
भुजा चार अति
शोभित
वर मुद्रा
धारी| मैया
वर मुद्रा
धारी
मन वाँछित फल पावत
देवता
नर नारी||
जय अम्बे
गौरी
॥
कंचन थाल विराजत
अगर
कपूर
बाती| मैया
अगर
कपूर
बाती
माल केतु में
राजत
कोटि
रतन
ज्योती||
बोलो
जय अम्बे
गौरी
॥
माँ अम्बे की आरती
जो कोई
नर गावे| मैया
जो कोई
नर गावे
कहत शिवानन्द स्वामी
सुख
सम्पति
पावे||
जय अम्बे
गौरी
॥
देवी वन्दना
या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता|
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: ||
यहाँ तक पढने के लिए धन्यवाद ! एकबार माता का जयकारा कमेंट करिए और इसे सबके साथ शेयर करिए |
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