जय श्री राम मित्रों और सखियों। आज आपके लिए एक साधक की कहानी लेकर आयी हु। अंततक पढ़ना जरूर।
एकबार एक साधक अपने गुरु के पास गया और कहा, "गुरुदेव आपकी कृपा से सांसारिक जीवन काफी अच्छे से बित रहा है अब मै आत्मसाक्षात्कार करना चाहता हु आप मेरा मार्दर्शन करिये। "
गुरूजी ने थोड़ा ध्यान लगाया और साधक से कहा, "एक वर्ष तक ॐ नमः शिवाय का जाप करना और एक वर्ष पूर्ण होने के बाद मेरे पास स्नान करके आना। "
साधक अपनी जगह लौट आया और एक साल तक गुरुजी ने बताया वैसे एक वर्ष तक ॐ नमः शिवाय का जाप किया। और फिर स्नान आदि करके वह साधक अपने गुरु के पास पुनः जाने के लिए तत्पर हुआ। इधर गुरूजी को पता था की आज वह साधक आनेवाला है तो उन्होंने सफाई करने वाली स्त्री को अपने पास बुलाया और कहा, "सुनो आज जो साधक आने वाला है उसपर पूरा कूड़ा उंडेल देना। "
जैसे साधक गुरूजी के स्थान के पास पंहुचा सफाई करने वाली स्त्री ने उसके ऊपर पूरा कूड़ा उंडेल दिया। साधक अपनी जगह जाकर फिरसे स्नान करके और स्वच्छ होकर गुरूजी से मिलने के लिए चला गया।
गुरूजी ने कहा, "साधक वत्स अभी और एक वर्ष फिरसे ॐ नमः शिवाय का जाप करिये और उसके बाद स्नान करके मेरे पास आना। "
साधक फिरसे अपनी जगह आया एक वर्ष तक श्रद्धा पूर्वक ॐ नमः शिवाय का जाप करता रहा। वर्ष बितने के समय पर गुरूजी ने सफाई करने वाली स्त्री को फिरसे साधक के ऊपर कूड़ा उंडेल को कहा। और स्नान कर पवित्र होकर आये साधक के आते ही उस स्त्री ने साधक के ऊपर फिरसे कूड़ा उंडेल दिया। साधक पुनः स्नान कर गुरूजी से मिलने के लिए आया।
इसबारभी गुरूजी ने वही कहा, "एक वर्ष और ॐ नमः शिवाय का जाप करके स्नान करके मेरे पास आना। "
वर्ष के अंत में फिरसे गुरूजी के कहने पर सफाई करने वाली स्त्री ने स्नान करके आये स्वच्छ साधक पर कूड़ा उंडेल दिया। साधक ने आपकी बार उस स्त्री को रुकाया और प्रणाम कर कहा, "हे माता आपका बार बार धन्यवाद की आपने मुझे तीन बार आत्मसाक्षातकार कराया। " और फिर वह साधक फिरसे स्नान करके गुरूजी को मिलने चला गया।
गुरूजी ने उसे आशीर्वाद दिया और आत्मबोध के भाव से वह साधक अभिभूत हो अपनी जगह वापस आ गया।
दरअसल कूड़ा उंडेल कर गुरूजी ने साधक की परीक्षा ली। जब आप आत्मसाक्षात्कार की साधना करते है तब आप अपने क्रोध परभी संयम पाते है और आपके अंदर क्षमा करने की भावना अपने आप आने लगती है।
अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद। इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा शेयर करिये। तथा एक बार कमेंट में ॐ नमः शिवाय लिख दीजिये।
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