१. जो पुरे डूब जाते है, वे संसार का आनंद नहीं ले पाते और संसार को कोसते रहते है|
२. जीवन का सौन्दर्य पकड़ना है तो विपरीत स्थितियों में जीना आना चाहिए|
३. आध्यात्मिक अर्थ है कि मूढ़ वह मनुष्य है, जो जाग सकता है, लेकिन जान बुझकर सोया हुआ है| जानते हुए भी अंजान बना हुआ है|
४. दबाव में रहकर कोई भी काम न किया जाय, क्योकि दबाव लम्बे समय के बाद तनाव का कारण बन जाती है|
५. जीवन अंत का नहीं, संतुलन का कारण होना चाहिए|
६. जीवन का सृजन करना पड़ता है और सृजन दबाव मुक्त होकर ही किया जाता है|
७. संघर्ष हमें थकाता जरुर है पर सुन्दर भी बनाता है|
८. जीवन की सुन्दरता का अर्थ है सफलता के साथ शांति|
९. शिक्षा किताबो से मिलती है, अनुभव जीवन से ही मिल सकता है|
१०. परमात्मा के आलावा कोई हमें गुण प्रदान नहीं कर सकता, वही है जो गुनाहिनों को गुणवान बना सकता है| - गुरुनानक देव|
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