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Friday, 1 January 2021
मै प्रेम बात रहा हु
एक विदेशी महिला को भारतीय रेलगाड़ियों में सफर करने का बहुत शौक था इसीलिए जब भी वह अपने देश वापस लौटती तो भारतीय रेल गाड़ियों का ही इस्तेमाल करती उसके पास किसी फूल के बीज थे जब वह भारत में अपने किसी काम से आए तो फिर बाद में उसने अपने देश से कुछ फूल के बीज लाए थे अपने देश से लेकर आई थी। सफर के दौरान ट्रेन जब भी खेतों जंगलों और हरियाले रास्ते से होकर गुजरती थी तो वह खिड़की से बाहर हाथ निकालती और थोड़े से बीच रास्ते में गिरा देती। एक सहयात्री बहुत देर से उसे ऐसा करते देख रहा था तो उससे रहा नहीं गया और उसने पूछा कि मैडम यह आप क्या कर रही है? उस विदेशी ने प्रत्युत्तर में कहा मै प्रेम बात रही हूं। आ जाइए बीच गिरेंगे वाह-वाह इन फूलों का बड़ा वृक्ष उगेगा और जब रुक्ष बड़ा हो जाएगा तो उसमें ऐसे ही ढेर सारे फूल उगेंगे और वे फूल प्रेम का संदेश देंगे। यह बिछड़ कर मैं यह महसूस कर रही हूं कि मैंने प्रेम बांटने का सपना पूरा कर लिया। मैं सब को स्नेह देने का प्रयास किया है।
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