(क) कुत्रः विस्मयः न कर्त्तव्यः?
उत्तर- दाने, तपसि, शौर्ये च विज्ञाने विनये नये विस्मयः न कर्तव्यः।
(दान, तपस्या, शौर्य, विज्ञानं, विनम्रता और निति में आश्चर्य आश्चर्य नहीं करना चाहिए/Do not be surprised in charity, penance, bravery, science, humility and policy)
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(ख) पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि कानि?
(पृथ्वी के तीन रत्न कौनसे है / which are the three gems on Earth)
उत्तर- पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि सन्ति जलं, अन्नं, सुभाषितम्।
(पृथ्वी पर तीन रत्न है- जल, अन्न और शुभाषित/There are three gems on the earth - water, grain and pure water)
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(ग) त्यक्तलज्जः कुत्र सुखी भवेत्?
(काहा संकोच नहीं करने वाला सुखी होता है /where person who doesn't hesitate is happy)
उत्तर- धनधान्यप्रयोगेषु विद्यायाः संग्रहेषु च त्यक्तलज्ज: सुखी भवेत्।
(अन्न और विद्या के संग्रह में संकोच नहीं करता वह सुखी रहता है / one who does not hesitate in using food and collection of knowledge.)
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धन्यवाद पढ़ने के लिये इसके आगे के प्रश्न बचे है जो आखरी भाग में पूरा हो जायेगा। इस तरह के और articles के लिए यहाँ दबाइये।
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