नमस्ते दोस्तों हम कुछ सुविचार पढ़ेंगे।
१. जैसा तुम्हारा लक्ष होगा, वैसा ही तुम्हारा जीवन होगा।
२. यह सस्सार किसी तांत्रिक का बनाया हुआ नहीं, कर्मशील का बनाया है।
३. संकल्प से ही मन पर विजय प्राप्त हो सकती है।
४. हर पल को उत्सव की तरह मना चाहिए।
५. संसारी लोग कभी-कभी ढोंग भी करते है।
६. महान संकल्प ही महँ कार्यों के जनक नोट है।
७. कर्मशील है उसीका फुरसत है।
८. सच्चे साधु का जीवन कठिन होता है।
९. उत्तेजित बात करना, उत्तेजित करना खतरे से खली नहीं है।
१०. संयमसे शांति का रास्ता होता है।
११. अंधाधुंध दौड़ना भी खतरनाक होता है।
१२. अगला जन्मा करमा के आधार पर ही होगा।
१३. वैद्य और वकील से कुछ नहीं छिपाना चहिये।
१४. साधना का अर्थ है - संतुलित करना और अनगढ़ को सुगढ़ करना।
१५. बिना संयम के जीवन नहीं है।
१६. सम्मान डोज तो सम्मान मिलेगा।
१७. खली इंसान शैतान बन जाता है।
१८. बीती बातों से सिख कर आगे सावधान रहना चाहिए।
१९. ज्ञान की सार्थकता कर्मा में है।
२०. आत्म विकास प्रशस्त आवश्यक है- स्वदोष दर्शन।
पढ़ने के लिये धन्यवाद।
१. जैसा तुम्हारा लक्ष होगा, वैसा ही तुम्हारा जीवन होगा।
२. यह सस्सार किसी तांत्रिक का बनाया हुआ नहीं, कर्मशील का बनाया है।
३. संकल्प से ही मन पर विजय प्राप्त हो सकती है।
४. हर पल को उत्सव की तरह मना चाहिए।
५. संसारी लोग कभी-कभी ढोंग भी करते है।
६. महान संकल्प ही महँ कार्यों के जनक नोट है।
७. कर्मशील है उसीका फुरसत है।
८. सच्चे साधु का जीवन कठिन होता है।
९. उत्तेजित बात करना, उत्तेजित करना खतरे से खली नहीं है।
१०. संयमसे शांति का रास्ता होता है।
११. अंधाधुंध दौड़ना भी खतरनाक होता है।
१२. अगला जन्मा करमा के आधार पर ही होगा।
१३. वैद्य और वकील से कुछ नहीं छिपाना चहिये।
१४. साधना का अर्थ है - संतुलित करना और अनगढ़ को सुगढ़ करना।
१५. बिना संयम के जीवन नहीं है।
१६. सम्मान डोज तो सम्मान मिलेगा।
१७. खली इंसान शैतान बन जाता है।
१८. बीती बातों से सिख कर आगे सावधान रहना चाहिए।
१९. ज्ञान की सार्थकता कर्मा में है।
२०. आत्म विकास प्रशस्त आवश्यक है- स्वदोष दर्शन।
पढ़ने के लिये धन्यवाद।
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