लोभी न तो शोक का त्याग कर सकते है, न दुःख और डाह का ही। - बुध्द।
परिश्रम हमारा देवता है। - विनोबा।
इमेज क्रेडिट: www.prabhasakshi.com
भय पतन और पाप का निश्चित कारण है। - विवेकानंद।
मयजन्य दुर्वृत्तियाँ सब प्रकार के पुरुषार्थ को नष्ट कर देता है।
परिश्रम उज्ज्वल भविष्य का पिता है।
अनुपयोगी परिश्रम नैतिक पतन का कारण होता है। - रस्किन।
जिसने स्वाद को नहीं जीता, वह विषय को नहीं जित सकता। - गाँधी।
मरते दमतक तू अपने पसीने की रोटी खाना। - बाइबल।
प्रयत्नशीलता सद्भाग्य की जननी है। - सर वेंटीज।
श्रम जीवन का सौंदर्य है।
स्वाद तो भूख में है। - गांधीजी।
पढनेके लिए धन्यवाद। कृपया शेयर करें।
परिश्रम हमारा देवता है। - विनोबा।
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भय पतन और पाप का निश्चित कारण है। - विवेकानंद।
मयजन्य दुर्वृत्तियाँ सब प्रकार के पुरुषार्थ को नष्ट कर देता है।
परिश्रम उज्ज्वल भविष्य का पिता है।
अनुपयोगी परिश्रम नैतिक पतन का कारण होता है। - रस्किन।
जिसने स्वाद को नहीं जीता, वह विषय को नहीं जित सकता। - गाँधी।
मरते दमतक तू अपने पसीने की रोटी खाना। - बाइबल।
प्रयत्नशीलता सद्भाग्य की जननी है। - सर वेंटीज।
श्रम जीवन का सौंदर्य है।
स्वाद तो भूख में है। - गांधीजी।
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