आंखें पढ़ो, और जानो हमारी रज़ा क्या है
हर बात लफ़्ज़ों से बयान हो, तो मज़ा क्या है?
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याददाश्त का कमजोर होना इतनी भी बुरी बात नही
बड़े बेचैन रहते हैं वो लोग जिन्हें हर बात याद रहती है
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तेरी हर बात काबिले ए तारीफ है
तेरे दिल से निकले अल्फाज तेरी जुबान है
तेरे दर्द को भलीभाति पहचानते है
तभी तो तेरा साया बनकर तेरे साथ रहते है
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Image Credit: shayarifm.com
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एक तु तेरी आवाज़ याद आएगी,
तेरी कही हुई हर बात याद आएगी,
दिन ढल जायेगा रात याद आएगी,
हर लम्हा पहली मुलाकात याद आएगी…
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लफ्ज़ मुहब्बत नहीं कह सकते सलाम तो कह दो
पलकें तो उठाओ अपनी इतनी भी हया कैसी
ज़ुबान से नहीं कुछ कहते निगाह से ही कह दो
दिल को यकीन आये कहदो आप हमारे हो
अपने लिखे खतों का जवाब साथ लाए हो
खत में तो तुम ने हर बात लिख दी
आये हो तो मुस्कुरा कर इक़रार भी कर दो
माना की तारीफ से बढ़ कर ग़ज़ल तुम हो
जुम्बिश लबों को कह अपनी तक़दीर हमें कह दो
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मैं अल्फाज़ हूँ तेरी हर बात समझता हूँ;
मैं एहसास हूँ तेरे जज़्बात समझता हूँ;
कब पूछा मैंने कि क्यूँ दूर हो मुझसे;
मैं दिल रखता हूँ तेरे हालात समझता हूँ।
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इन आँखों की तमन्ना है…..
बस दीदार तुम्हारा हो..
इस दिल में रहो बस तुम……
और हर बात में जिक्र तुम्हारा हो…….
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