खुशबू हवा की चुपके से कानों में कह गई
पास तो नहीं हो मगर दिल में बसे हो तुम
=====अक्स ए खुशबू हूँ बिखरने से ना रोके कोई
और बिखर जाऊं तो मुझ को ना समेटे कोई
======तेरा खत पढ़कर परदेशी दिल का सोया प्यार जगा
दूर बहुत है मुझे पता है दिल के बहुत करीब लगा
तेरी सांसों की खुशबू ओर तेरे अधरों का स्पन्दन
जब जब छूया खत को मैंने उसका फिर अहसास जगा
=====Image Credit: http://clipart-library.com/
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तड़प रही हैं साँसें तुझे महसूस करने को
फिज़ा में खुशबू बनकर बिखर जाओ तो कुछ बात बने
=====सफर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
नजर वहीं तक है जहाँ तक तुम हो,
हजारों फूल देखे हैं इस गुलशन में मगर,
खुशबू वहीं तक है जहाँ तक तुम हो..
=====बस गई है मेरे एहसास में ये कैसी महक
कोई खुशबू मैं लगाऊँ तेरी खुश्बू आती है
=====बड़ी ही खूबसूरत शाम थी, वो तेरे साथ की .....
अब तक "खुशबू" नही गई, मेरी कलाई से तेरे हाथ की...
=====छूह लो तुम यूं ज़रा सा
कि मैं मर भी जाऊं तो मुझसे तेरी खुशबू आये…!
=====हम तो फूलों की तरह अपनी आदत से बेबस हैं,
तोडने वाले को भी खुशबू की सजा देते हैं।
=====खुशबू से भरी शाम और जुगनू के साए मे, इक नज़्म तेरे वास्ते लिखूंगा
कभी तो आ मेरे दिल की दुनिया में तुझे अपनी पूरी मै कायनात लिखूंगा
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