तेरी आँखों में इश्क भी है और मौहबब्त भी है,
तभी तो हम कभी महकते भी हैं और कभी बहकते भी है ।।
=====तेरी यादों की खुशबू से, हम महकते रहतें हैं
जब जब तुझको सोचते हैं, बहकते रहतें हैं
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मैं तो इन्साँ हूँ बहक जाना फ़ितरत में शामिल है.
हवा भी उसको छू कर देर तक नशे में रहती है.
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Image Credit: www.yourquote.in
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बहक न जाए कहीं, लौ की नीयत
होंठों से दिया, तु बुझाया न कर..
=====आँखों में तेरी कोई करिश्मा ज़रूर है
तू जिसको देख ले वो बहकता ज़रूर है
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ये हुस्न तेरा ये इश्क़ मेरा रंगीन तो है बदनाम सही
मुझ पर तो कई इल्ज़ाम लगे तुझ पर भी कोई इल्ज़ाम सही
इस रात की निखरी रंगत को कुछ और निखर जाने दे ज़रा
नज़रों को बहक जाने दे ज़रा ज़ुल्फ़ों को बिखर जाने दे ज़रा
कुछ देर की ही तस्कीन सही कुछ देर का ही आराम सही
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तेरी आँखों की कशिश भी खींचती है इस कदर
ये दिल सिर्फ बहलता नहीं बहक जाने की जिद करता है
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तुम्हारे दूर रहने से हमें तकलीफ होती है,
आज इतना करीब आ जाओ की हम बहक जाये
=====कतरा-कतरा मैं बहकती हूँ
तिनका-तिनका मैं बिखरती हूँ,
रोम-रोम तू महकता है,
जर्रा-जर्रा मैं तुझमें पिघलती हूँ।
=====तेरे ढाई अक्षर से दिन मेरा कुछ यूँ महक गया.
सम्भला था ये दिल जरा सा फिर बहक गया
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