एक बहू ने अपने मन की बात कही , हम हमेशा घर के कामों में बिजी रहते थे, पर ससुर जी रोज हमे बुला बुला कर कहते थे , बहू मेरा चश्मा नही मिल रहा है, कभी कुछ कभी कुछ मांगते रहते थे , एक बार हमने अनसुनी कर दी और हम कुछ भी नही सुनते थे।
अचानक बीमार हुए और उनकी मौत हो गयी , जब मे ससुर के रूम की साफ-सफाई करने लगी तो मुझे वहाँ पर ससुर के हाथो लिखी डायरी मिली , जब मैने वो डायरी पड़ी तो आखों मे आँसू निकल आये, उसमे लिखा था कि मेरे बेटे और बहू घर के कामों में इतने बिजी रहते थे कि मै जान बुझकर अपना चश्मा यहाँ वहाँ रख देता था ताकि वो मेरे पास आए और मे उन्हे आशीर्वाद दे सकूं कई बार हम बड़ो की बाते समझ नही पाते ,वो हमे तकलीफ नही देना चाहते, वो हमे आशीर्वाद देना चाहते है , अगर घर मे बड़े है तो उनसे रोज मिलो, और उनके पांव छू कर आशीर्वाद लो , यही आशीर्वाद आप के भाग्य को बदल देगे।
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