
Image Credit: www.ajabgjab.com
==========
कुछ इतवार को जीने दो
मत उठाओ इतनी भोर
कुछ घडी की सुइयों को और बढ जाने दो
कुछ धूप को मेरे शानो पर आने दो..
बेड टी को आज जाने दो..
चार कप की चुस्कियां एक साथ लगाने दो..
कुछ बिस्तरों की सल्वटो को आज मुस्कुराने दो..
कुछ घर की रंगत को आज बदल जाने दो..
कुछ इत्वार को जीने दो..
रोज तो दौड़ती है ज़िंदगी तुम्हारे ऊपर से
कुछ चाल ज़िंदगी की आज बदल जाने दो..
स्कूल, दफ़्तर, घर मे बिखरते इंसान को
इतवार की आराम मे सिमट जाने दो
कुछ बेपरवाह ज़िंदगी भी मज़ा देती है
कभी 'इत्वार' को 'इत्वार' बन जाने दो..
==========
No comments:
Post a Comment