जपले माला सांज सबेरे रामदेव भगवान की।
एक बार तू देख नजर से महिमानेत्राधारी की।
जपले माला ...
निसदिन इसका ध्यान लगाले। जपले मनकी तू माला।
धुप दिप तू ज्योत लगाले। पड़े नहीं यमसे पाला।
कदम कदम रक्षा करता। भक्तो के प्रतिपालन की।
जपले माला ...
यह कलिकाल कुशल जगतमे। अटल छत्र की छाया है।
दिन दुखी जन जान प्रभुने। अद्भुत वेद पढ़ाया है।
इस दरबार की महिमा देखो। राम रुणेचा वाले की।
जपले माला ...
कृष्ण कला भाव भंजन इनको। सब भक्तो ने गाया है।
कलजुग सारा परचा देकर। निकलंक देव कहाया है।
महिमा सारे जगत में छायी। राम रुणेचा वाले की।
जपले माला ...
भक्ति भावसे जो कोई पूजे। कभी न इसने दुःख पाया।
दाता हुजूर रामदेव बाबा। अँधा लंगड़ा सुख पाया है।
हो प्रसन्न धीरज धरले। चरण कमल रज पानकी।
राम रुणेचा वाले की।
जपले माला ...
अटल ज्योत दीपक मंदिर में। देख बावड़ी परचा की।
राम सरोवर देखा तुमने। देख समाधी रचना की।
हात जोड़ कर भक्त आया। चरण शरण मन भवन की।
राम रुणेचा वाले की।
जपले माला ...
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