बहके बहके ही अंदाज-ए-बयां होते हैं,
आप जब होते हैं तो होश कहाँ होते हैं।
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यह शायराना सी है जिंदगी की फिजा का अंदाज है ज़नाब.
यहाँ सुबह.चाय से नहीं, हम सबकी प्यारी सी शायरी से होती है..
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दाद देते है तुम्हारे ‘नजर-अंदाज’ करने के हुनर को.
जिसने भी सिखाया वो उस्ताद कमाल का होगा
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नजर अंदाज करने वाले तेरी कोई खता ही नहीं,
मोहब्बत क्या होती है शायद तुझे पता ही नहीं।
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लोग मेरी मुस्कान का राज पुछते हैं क्योंकि
मैंने कभी दर्द की नुमाइश नहीं की
जिंदगी से जो मिला कबूल किया
किसी चीज की फरमाइश नहीं की
मुश्किल है समझ पाना मुझे क्योंकि
जीने के अलग है अंदाज मेरे
जब जहां जो मिला अपना लिया
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की।
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दोस्ती तो ज़िन्दगी का वो खूबसुरत लम्हा है,
जिसका अंदाज सब रिश्तों से अलबेला है,
जिसे मिल जाये वो खुश
जिसे ना मिले वो लाखों में अकेला है
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