1)
बेवफ़ा होने के हजारों मजबूरियां गिना देते है लोग,
काश वफ़ा करने की भी कोई एक मजबूरी होती।।
2)
बात वफ़ाओ की होती तो कभी न हारते ,
बात नसीब की थी , कुछ ना कर सके ..
3)
तुम कभी बदलना नहीं सिलसिले अपनी वफ़ाओ के,
हमे तो तुम से अज़ीज़ कोई नही
4)
दर्द ए दिल की दवा नही मिलती।
केवल चाहने भर से वफ़ा नही मिलती।।
कितने बेग़ुनाह लोग मारे जाते है।
लेकिन क़ातिलों को सजा नही मिलती।।
5)
मज़बूरी में जब कोई जुदा होता है,
ज़रूरी नहीं कि वो बेवफ़ा होता है,
देकर वो आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में वो आपसे ज्यादा रोता है
6)
इतनी वफ़ादारी ना कर किसी से यूँ मदहोश होकर,
दुनिया वाले एक खता के बदले सारी वफ़ाएं भुला देते है
7)
इतने भी हमसे नाराज ना हुआ करो
हम बदनसीब जरुर है पर बेवफ़ा नहीं
8)
न जाने कौन से मंदिर का दीया समझ बैठे हैं लोग हमें..
जिसका दिल चाहता है जला कर चला जाता है
9)
ये जो खुश होने का दावा करते हैं,
दिन में चार दफ़ा समझौता करते हैं
10)
खो के पछताओगे हर लम्हा ता-उम्र तुम साहब
ना हम होंगे..ना ही कोई हम-सा होगा.
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