1)
महफील मे हँसना मेरा मिजाज बन गया, तन्हाई मे रोना एक राज बन गया,
दिल के दर्द को चेहरे से जाहिर ना होने दिया,यही मेरे जीने का अंदाज बन गया
2)
बहुत शांत लग रही है ये महफील
कहीं सबको मुहब्बत तो नही हो गयी
3)
तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
जो गिर कर सीप में इक दिन मोती बन गयी.
4)
कोई आँसू तेरे दामन पर गिराकर
बूँद को मोती बनाना चाहता हूँ
5)
बूँद-बूँद करके मुझमे मिलना तेरा,
उफ़्फ़- मुझमें मुझसे ज्यादा होना तेरा!
6)
टुकड़ा टुकड़ा नाम ऐ मोहब्बत,
कतरा कतरा दर्द ऐ दिल,
जर्रा जर्रा, धड़कन ऐ वफ़ा,
बूँद बूँद, अश्क़ ऐ निगाह,
तो कह दूँ ना, यही इश्क़ है, इश्क़ हैं, इश्क हैं
7)
लत ऐसी लगी है की ';तेरा नशा'; छोड़ा नही जाता,
और हकीम भी कह रहा है की एक बूँद भी ';इश्क'; की अब जानलेवा है.
8)
एक बूँद पानी भी न निकला उन आँखों से हमारे जाने के बाद,
तमाम उम्र जिन आँखों को हम झील कहते रहे
9)
सिर्फ़ दो ही गवाह थे मेरी वफ़ा के,
एक वक्त, और एक वो,
एक गुज़र गया और एक मुकर गया
10)
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे
कुछ दिखता ही नहीं तुम्हारे सिवा
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