नमस्ते दोस्तों आज मै आपको एक कहानी बताऊँगा। तो चलिए शुरू करते है।
एक समय की बात है, दो पसड़ौसी थे एक अध्यापक था और एक वकील।उन्होंने अपने घर में झाड़ उगाये। अध्यपाक ने अपने पेड़ को तीन दिन में एक बार पानी दिया वही वकील ने अपने पेड़ को रोज पानी दिया। कुछ महीने बाद दोनों के झाड़ उग गए पर वकील का झाड़ कुछ साद चूका था। एक दिन रत को बहुत ज़ोर से बारिश आई। और वकील का पेड़ उड़ गया वही अध्यापक का पेड़ जैसा की वैसा ही था। जब अगली रात वकील ने अध्यापक को को अपने घर खाने के लिए बुलाया तब उसने बताया की तुम्हारे पेड़ को पानी ऊपर तुम बहुत सारा दे रहे थे। तो तुम्हारे पौधे की जेड अंदर तक नहीं गई। वही मैंने उसे उपर से पानी नहीं दिया इसीलिए यह अंडर तक गए।
एक समय की बात है, दो पसड़ौसी थे एक अध्यापक था और एक वकील।उन्होंने अपने घर में झाड़ उगाये। अध्यपाक ने अपने पेड़ को तीन दिन में एक बार पानी दिया वही वकील ने अपने पेड़ को रोज पानी दिया। कुछ महीने बाद दोनों के झाड़ उग गए पर वकील का झाड़ कुछ साद चूका था। एक दिन रत को बहुत ज़ोर से बारिश आई। और वकील का पेड़ उड़ गया वही अध्यापक का पेड़ जैसा की वैसा ही था। जब अगली रात वकील ने अध्यापक को को अपने घर खाने के लिए बुलाया तब उसने बताया की तुम्हारे पेड़ को पानी ऊपर तुम बहुत सारा दे रहे थे। तो तुम्हारे पौधे की जेड अंदर तक नहीं गई। वही मैंने उसे उपर से पानी नहीं दिया इसीलिए यह अंडर तक गए।
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