नमस्ते दोस्तों आज मै आप को एक कहानी बताऊंगा और इस कहानी का नाम है घोड़ो की दौड़। तो चलिए शुरू करते है।
घोड़ो की दौड़
एक समय की बातथा है एक घोड़ो ा सौदा करने वाला आदमी जो पर्शिया से था वह एक गाँव से निकल रहा था यहाँ नसीररूद्दीन होड़जा रहता था। उस होदे के सोदागर बहुत घमंडी की उसके पास दुनिया का सब से अच्छा घोडा है। और उसी दिन निसिररुदीन अपने पुराने घोड़े पर सवारी कर रहा था। जब उस घोड़े के सौदागर ने नसीररूद्दीन को देखा वो हसने लगा। उसने कहा "क्या तुम इसे घोडा कहते हो ? दुनिया में कौन ऐसे घोडा चलता है? तुम्हे कोई अच्छा जानवर नहीं मिला? है तुम्हारे लिए एक घड़ा ठीक है।
नसीररूद्दीन ने पूछा " क्या तुम लगता है की तुम्हारा घोडा मेरे घोड़े से अच्छा है?" "बिलकुल मेरा घोडा तुम्हारे घोड़े से सौ गुना अच्छा है " सौदागर ने कहा। नसीररूद्दीन ने हस्ते हुए कहा "अगर तुम्हारा घोडा वो सुब करसकता है जो मेरे घोडा कर सकता है तो मई तुम्हे पांच सौ सोने के सिक्के दूंगा। और अगर नहीं कर पाया तो तुम्हे मुघे पांच सौ सोने के सिक्के देने होंगे। सौदागर मन गया।
नसीररूद्दीन ने अपने घोड़े को काटो के पेड़ो से चलाया और फिर गले तक गहरे पानी से चलाया। सौदागर उसे काटो से लगाएगा तो उस को चोट लग जाएगी जिससे उसकी कीमत काम हो जायेगी। और उसे अपने घोड़े
को गले गीते गहरे पानी में नहीं लेजा सकता था। उसे ५०० सोने के सिक्के नसीररूद्दीन को देने पड़े। और फिर नसीररूद्दीन ने अपने घोड़े की ज़ख़्मो पर दवाई लगाई।
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घोड़ो की दौड़
एक समय की बातथा है एक घोड़ो ा सौदा करने वाला आदमी जो पर्शिया से था वह एक गाँव से निकल रहा था यहाँ नसीररूद्दीन होड़जा रहता था। उस होदे के सोदागर बहुत घमंडी की उसके पास दुनिया का सब से अच्छा घोडा है। और उसी दिन निसिररुदीन अपने पुराने घोड़े पर सवारी कर रहा था। जब उस घोड़े के सौदागर ने नसीररूद्दीन को देखा वो हसने लगा। उसने कहा "क्या तुम इसे घोडा कहते हो ? दुनिया में कौन ऐसे घोडा चलता है? तुम्हे कोई अच्छा जानवर नहीं मिला? है तुम्हारे लिए एक घड़ा ठीक है।
नसीररूद्दीन ने पूछा " क्या तुम लगता है की तुम्हारा घोडा मेरे घोड़े से अच्छा है?" "बिलकुल मेरा घोडा तुम्हारे घोड़े से सौ गुना अच्छा है " सौदागर ने कहा। नसीररूद्दीन ने हस्ते हुए कहा "अगर तुम्हारा घोडा वो सुब करसकता है जो मेरे घोडा कर सकता है तो मई तुम्हे पांच सौ सोने के सिक्के दूंगा। और अगर नहीं कर पाया तो तुम्हे मुघे पांच सौ सोने के सिक्के देने होंगे। सौदागर मन गया।
नसीररूद्दीन ने अपने घोड़े को काटो के पेड़ो से चलाया और फिर गले तक गहरे पानी से चलाया। सौदागर उसे काटो से लगाएगा तो उस को चोट लग जाएगी जिससे उसकी कीमत काम हो जायेगी। और उसे अपने घोड़े
को गले गीते गहरे पानी में नहीं लेजा सकता था। उसे ५०० सोने के सिक्के नसीररूद्दीन को देने पड़े। और फिर नसीररूद्दीन ने अपने घोड़े की ज़ख़्मो पर दवाई लगाई।
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