#_गर्भवती_हिरनी _एक_मार्मिक_कहानी !
जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी l वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी की उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी l उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये l
वहां पहुँचते ही उसे प्रसाव पीडा शुरू हो गयी l उसी समय आसमांन में घनाघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी l उसने दाये देखा तो एक शिकारी तीर का निशाना उस की तरफ साध रहा था l घबड़कर वह दाहिने मुडी तो वहां एक भूखा शेर झपटने को तैयार बैठा था l सामने सुखि घास आग पकड चुकी थी और पिछे मुडी तो नदी में जल बहुत था l
मादा हिरनी क्या करती ? वह प्रसाव पीडा सें व्याकुल थी l
अब क्या होगा ? क्या हिरनी जीवित बचेगी ?
क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी ?
क्या शावक जीवित रहेगा ? या जंगल की आग सब कु्छ जला देगी ?
क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी ?
या मादा हिरनी भुखे शेर का भोजन बनेगी ?
वो एक तरफ आग से घिरी है और पिछे नदी है क्या करेगी वो ?
उसने अपने आप को शुन्य में छोड , अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी l
कुदरत का कारिष्मा देखिये ..
* बिजली चमकी और शिकारी का तीर छोडते हुए आँखे चौंधिया गयी और उस का तीर हिरनी के पास से गुजरती हूई शेर को जा लगी l
* घनाघोर बारिश शुरू हो गयी और जंगल की आग बुझ गयी l
* हिरनी ने शावक को जन्म दिया l
हमारे जीवन में भी कु्छ क्षण ऐसे आते है जब हम चारो तरफ से समास्यों से घिरे होते है और कोई निर्णाय नहीं ले पाते l तब कुछ पल ऐसे आते हम शुन्य हो कर सब कुछ नियती के हाथो में छोड देते है जैसे उस हिरनी ने किया l
जो पहली प्राथमिकता वो करो जैसे हिरनी ने शावक को जन्म दिया , प्रभु आप के साथ है वो सब अच्छा करेंगे l
अपने आप से पुछे .. आप कहां केन्द्रित है , आप का विश्वास और उम्मीद किस से है ।
आप किसी प्रकार की भय ,चिंता बिल्कुल ही न करे ।
परमात्मा सदा आपके साथ है ।
*जय श्री श्याम*
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