हे बनबारी श्याम रे...
जीने का सहारा तेरा नाम रे मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे
झूठी दुनिया झूठे बंधन, झूठी है ये माया झूठा साँस का आना जाना,
झूठी है ये काया ओ, यहाँ साँचा तेरा नाम रे
हे बनवारी श्याम रे ...
रंग में तेरे रंग गये गिरिधर, छोड़ दिया जग सारा बन गये तेरे प्रेम के जोगी,
ले के मन एकतारा ओ, मुझे प्यारा तेरा धाम रे
हे बनवारी श्याम रे ...
दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ, हर चिन्ता मिट जाये जीवन मेरा इन चरणों में,
आस की ज्योत जगाये ओ, मेरी बाँहें पकड़ लो श्याम रे
हे बनवारी श्याम रे ...
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सुविचार....
2 पल " की जिन्दगी के 2 उसूल - " निखरो " फूलों की तरह और " बिखरो " खुशबू की तरह
किसी को प्रेम देना सबसे बड़ा उपहार है और किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है।
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