गाड़ीवाले म्हणे बिठाले
गाडी वाले म्हणे बिठाले। एकबार गाडी थाम।
भाई मै हार गया।।धृ ।।
नरसीजी यो कहने लागे। गाडी मेरी पुरानी है।
जल्दी गाड़ी ठीक करू। ना मेरेसे छानी है।
किसनो म्हारो नाम भगतजी। खाटी म्हारी जात है।.१। .
क्या डोज तुम सुधराई। कहदो तुम नरसी भाई।
चरणांमृत और तुलसी पत्ते। देवू तुमको सुधराई।
पांच सात मई भजन सुनाऊ। नहीं पल्ले में दाम।।२।।
हात करोती खान्दे बसोलो। लिया हाथ में आरी है।
नरसीजीकी बिग़डी गाडी। प्रभु आय सुधरी है।
सोना के तो चाक मढ़ा दिया। हीरे जडे तमाम।।३।।
बैलो पर जब हाथ धरा। नई चमक शक्ती आई।
नगर अन्जारा पोहोचे नरसी। खुश हुई नानीबाई।
किसनो खाटी उतर गया जब। कर संताने प्रणाम।।४।।
सोला बैठे बाबाजी। गाड़ीमे मेरे माला।
नरसीजीकी गाड़ीके। कृष्ण बने है रखवाला।
किसनो बोल्यो दया राखजो। जाऊंगा अब धाम।।५।।
एक भगत का काम बना। प्रभु आकरके रथवान बने।
जैसे है यह भगत जगत में। वैसेही भगवान बने।
नरसी बोले शाम रटोरे। सरजावे सब काम।।६।।
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