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Saturday 31 May 2014

समुद्री नमक और सेंधा नमक

समुद्री आओडीन युक्त नमक कभी ना खाये!

पहले तो आप ये जान लीजिये कि नमक के मुख्य कितने प्रकार होते हैं !! एक होता है समुद्री नमक दूसरा होता है सेंधा नमक (rock slat)|



ये जो समुद्री नमक है आयुर्वेद के अनुसार ये तो अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है! आज से कुछ वर्ष पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता था| सब सेंधा नमक ही खाते थे मात्र 2,3 रूपये किलो मे सब जगह मिल जाया करता था|



फिर अचानक से ऐसा क्या हुआ की लोग आओडीन युक्त समुद्री नमक खाने लगे?



हुआ ये कि जब ग्लोबलाईसेशन के बाद बहुत सी विदेशी कंपनियो (अनपूर्णा, कैपटन कुक) ने नमक बेचना शुरू किया तब ये सारा खेल शुरू हुआ! अब समझिए खेल क्या था? खेल ये था कि विदेशी कंपनियो को नमक बेचना है और बहुत मोटा लाभ कमाना है और लूट मचानी है तो पूरे भारत मे एक नई बात फैलाई गई कि आओडीन युक्त नामक खाओ ,आओडीन युक्त नमक खाओ| आप सबको आओडीन की कमी हो गई है| ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है आदि आदि बातें पूरे देश मे प्रायोजित ढंग से फैलाई गई| और जो नमक किसी जमाने मे 2 से 3 रूपये किलो मे बिकता था| उसकी जगह आओडीन नमक के नाम पर सीधा भाव पहुँच गया 8रूपये प्रति किलो| और आज तो 12 रूपये को भी पार कर गया है|



एक बार राजीव भाई ने किसी MP के माध्यम से संसद मे सवाल पुछवाया कि पूरे देश मे आओडीन की कमी से जितनी बीमारियाँ आती है जैसे घेंघा| उसके मरीज कितने है पूरे देश मे? तो सरकार की तरफ से उत्तर आया कि भारत मे कुल जितनी बीमारियो के कुल मरीज है उसमे से सिर्फ 0.3 % घेंघा के मरीज है| और वो भी कहाँ है भारत मे पर्वतीय इलाके मे जहां भारत की सबसे कम आबादी रहती है| ऐसे ही राजीव भाई ने एक बार सरकार को पत्र लिखा की मुझे उन मरीजो की सूची चाहिए जिनको आओडीन की कमी से घेंगा हुआ| सूची कभी नहीं आई|



अब जो सबसे अजीब बात है वो ये कि आओडीन हर नमक मे होता है बिना आओडीन का कोई नमक नहीं होता है| अब आप कहेंगे फिर इस समुद्री नमक से क्या परेशानी है?



एक तो जैसा हमने ऊपर बताया कि आयुर्वेद के अनुसार समुद्री नमक अपने आप मे ही बहुत खतरनाक है इसके अतिरिक्त कंपनियाँ इसमे अतिरिक्त आओडीन डाल रही है| अब आओडीन भी दो तरह का होता है एक तो भगवान का बनाया हुआ जो पहले से नमक मे होता है| दूसरा होता है industrial iodine| ये बहुत ही खतरनाक है| तो समुद्री नमक जो पहले से ही खतरनाक है उसमे कंपनिया अतिरिक्त industrial iodine डाल को पूरे देश को बेच रही है| जिससे बहुत सी गंभीर बीमरिया हम लोगो को आ रही है| ये नमक मानव द्वारा फ़ैक्टरियों मे निर्मित है|


आम तौर से उपयोग मे लाये जाने वाले समुद्री नमक से उच्च रक्तचाप (high BP), डाइबिटीज़ आदि गंभीर बीमारियो का भी कारण बनता है। इसका एक कारण ये है कि ये नमक अम्लीय (acidic) होता है| जिससे रक्त अम्लता बढ़ती है और रक्त अमलता बढ्ने से ये सब 48रोग आते है| ये नमक पानीमें  कभी पूरी तरह नहीं घुलता हीरे (diamond) की तरह चमकता रहता है इसी प्रकार शरीर के अंदर जाकर भी नहीं घुलता और अंत इसी प्रकार किडनी से भी नहीं निकल पाता और पथरी का भी कारण बनता है| और ये नमक नपुंसकता और लकवा (paralysis) का बहुत बड़ा कारण है| श्री राजीव बताते है कि उन्होने कितने मरीज जो नपुंसक थे उनको समुद्री नमक छोड़ने को कहा और सेंधा नमक का प्रयोग करने को कहा मात्र 1 वर्ष मे उनकी समस्या का हल हो गया|



ऐसे ही एक बार राजीव भाई के गुरु थे जिनका नाम था प्रोफेसर धर्मपाल जी| उनको एक बार लकवे (paralysis) का अटैक आ गया| उनकी आवाज तक चली गई और हाथ पैर एक जगह रुक गए उनके बाकी शिष्य धर्मपाल जी को अस्पताल ले गए वहाँ डाक्टरों से भी कुछ नहीं हुआ तो डाक्टरों उनके हाथ पैर बांध दिये| राजीव भाई को जैसे ही खबर मिली राजीव वहाँ पहुंचे और उनको वहाँ से उठा कर घर ले आए| और उनकी दो होमेओपेथी दवाइयाँ देना शुरू की| मात्र 3 दिन मे उनकी आवाज वापिस आ गई| और एक सप्ताह बाद वो ऐसे दिखने लगे कि मानो कभी अटैक ही ना आया हो|



तो राजीव भाई बताते है कि मैंने होमेओपेथी मे उस दवा को दिया जो सेंधा नमक ना खाने से शरीर मे आने वाली कमियो को पूरा करती है| इसकी जगह अगर सेंधा नमक वाला पाणी भी पिलाता तो वो ठीक हो जाते लेकिन उनकी हालत ऐसे थी की मात्र दवा की बूंध ही अंदर जा सकती थी तो राजीव भाई ने वो पिलाया और धर्मपाल जी ठीक हुये|



कुल मिलकर कहने का अर्थ यही है कि आप इस अतिरिक्त आओडीन युक्त समुद्री नमक खाना छोड़िए और उसकी जगह सेंधा नमक खाइये| सिर्फ आयोडीन के चक्कर में समुद्री नमक खाना समझदारी नहीं है, क्योंकि जैसा हमने ऊपर बताया आओडीन हर नमक मे होता है सेंधा नमक मे भी आओडीन होता है बस फर्क इतना है इस सेंधा नमक मे प्राकृति के द्वारा भगवान द्वारा बनाया आओडीन होता है इसके इलावा आओडीन हमें आलू, अरवी के साथ-साथ हरी सब्जियों से भी मिल जाता है।



सेंधा नमक के उपयोग से रक्तचाप और बहुत ही गंभीर बीमारियों पर नियन्त्रण रहता है। क्योंकि ये अम्लीय नहीं ये क्षारीय है (alkaline)| क्षारीय चीज जब अम्ल  मे मिलती है तो वो न्यूट्रल हो जाती  है| और रक्त अमलता खत्म होते ही शरीर के 48 रोग ठीक हो जाते हैं| ये नामक शरीर मे पूरी तरह से घुलनशील है| और सेंधा नमक की शुद्धता के कारण आप एक और बात से पहचान सकते हैं कि उपवास, व्रत मे सब सेंधा नमक ही खाते है| तो आप सोचिए जो समुंदरी नमक आपके उपवास को अपवित्र कर सकता है वो आपके शरीर के लिए कैसे लाभकारी हो सकता है?



इसके अतिरिक्त सेंधा नमक शरीर मे 97 पोषक तत्वो की कमी को पूरा करता है| इन पोषक तत्वो की कमी ना पूरी होने के कारण ही लकवे (paralysis) का अटैक आने का सबसे बढ़ा जोखिम होता है| जबकि समुद्री नमक से सिर्फ शरीर को 4 पोषक तत्व मिलते है| और बीमारिया जरूर साथ मे मिल जाती है| राजीव भाई तो यहाँ तक कहते है कि अगर आपके 2 बच्चे है तो एक बच्चे को 11 साल तक समुद्री नमक पर पाल के देखो और दूसरे को सेंधा नमक पर| उनके शारीरिक और मानसिक परिवर्तन देख आपको खुद ब खुद अंदाजा हो जाएगा, कि ये समुद्री नमक कितना हानिकारक है और सेंधा कितना फायदेमंद|



दुनिया के 56 देशों ने अतिरिक्त आओडीन युक्त नमक 40 साल पहले ban कर दिया अमेरिका मे नहीं है जर्मनी मे नहीं है फ्रांस मे नहीं, डेन्मार्क मे नहीं, यही बेचा जा रहा है डेन्मार्क की सरकार ने 1956 मे आओडीन युक्त नमक बैन कर दिया क्यों? उनकी सरकार ने कहा हमने आयोडीन युक्त नमक खिलाया! (1940 से 1956 तक) अधिकांश लोग नपुंसक हो गए| जनसंख्या इतनी कम हो गई कि देश के खत्म होने का खतरा हो गया| उनके वैज्ञानिको ने कहा कि आयोडीन युक्त नमक बंद करवाओ तो उन्होने बैन लगाया| और शुरू के दिनो मे जब हमारे देश मे ये आयोडीन का खेल शुरू हुआ इस देश के बेशर्म नेताओ ने कानून बना दिया कि बिना आयोडीन युक्त नमक बिक नहीं सकता भारत मे| वो कुछ समय पूर्व किसी ने कोर्ट मे मुकदमा दाखिल किया और ये बैन हटाया गया|



अंत आपके मन मे एक और सवाल आ सकता है कि ये सेंधा नमक बनता कैसे है?




तो उत्तर ये है कि सेंधा नमक बनता नहीं है पहले से ही बना बनाया है| पूरे उत्तर भारतीय उपमहाद्वीप में खनिज पत्थर के नमक को 'सेंधा नमक' या 'सैन्धव नमक', लाहोरी नमक आदि आदि नाम से जाना जाता है! जिसका मतलब है 'सिंध या सिन्धु के इलाक़े से आया हुआ'। वहाँ नमक के बड़े बड़े पहाड़ है सुरंगे है! वहाँ से ये नमक आता है! मोटे मोटे टुकड़ो मे होता है आजकल पीसा हुआ भी आने लगा है यह ह्रदय के लिये उत्तम, दीपन और पाचन मे मददरूप, त्रिदोष शामक, शीतवीर्य अर्थात ठंडी तासीर वाला, पचने मे हल्का है। इससे पाचक रस बढ़्ते हैं। तों अंत आप ये समुद्री नमक के चक्कर से बाहर निकले! काला नमक,सेंधा नमक प्रयोग करे| क्यूंकि ये प्रकर्ति का बनाया है ईश्वर का बनाया हुआ है| और सदैव याद रखे इंसान जरूर शैतान हो सकता है लेकिन भगवान कभी शैतान नहीं होता|

आपने पूरी post पढ़ी बहुत बहुत धन्यवाद!



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